मैगनस कार्लसन सातवीं बार बने नॉर्वे शतरंज के विजेता
इस वर्ष का सबसे ज्यादा प्रतिक्षित टूर्नामेंट नॉर्वे शतरंज 2025 का समापन हो गया है , एक दशक से भी अधिक समय से भी दुनिया के नंबर एक क्लासिकल शतरंज खिलाड़ी नॉर्वे के ही पूर्व विश्व चैम्पियन मैगनस कार्लसन नें रिकॉर्ड सातवीं बार यह टूर्नामेंट अपने नाम कर लिया है । अंतिम राउंड में कई रोमांचक मुक़ाबले हुए और खुद कार्लसन को अरमागोडेन टाईब्रेक में भारत के अर्जुन एरिगासी से हार का सामना करना पड़ा पर गुकेश की अंतिम समय में करूआना से हार नें कार्लसन का खिताब जीतना तय कर दिया । करूआना दूसरे स्थान पर रहे तो इस हार से गुकेश तीसरे स्थान पर रहे । विश्व चैम्पियन गुकेश के लिए उतार चढ़ाव भरा सफर रहा पर कार्लसन पर उनकी जीत हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गयी । महिला वर्ग में एना मुज्ज़्यचुक नें खिताब अपने नाम किया जबकि चीन की लेई टिंगजे दूसरे स्थान पर रही । अंतिम राउंड में भारत की कोनेरु हम्पी नें विश्व चैम्पियन जु वेंजून को टाईब्रेक में मात देते हुए तीसरा स्थान हासिल किया । अर्जुन और वैशाली का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता था पर ऐसे कई मुक़ाबले रहे जहां दिग्गजों को मात देकर दोनों नें अपने लिए कई सकारात्मक परिणाम हासिल किए । पढे यह लेख ... Photo: Norway Chess / Michal Walusza
नाटकीय फाइनल में हार कर भी मैगनस कार्लसन नें जीता नॉर्वे शतरंज 2025 , अंतिम समय में गलती कर हारे गुकेश
स्टावेंगर , नॉर्वे । साल के सबसे मजबूत सुपर ग्रांड मास्टर टूर्नामेंट नॉर्वे शतरंज का अंत बेहद नाटकीय अंदाज में हुआ जहां खिताब के दोनों प्रमुख दावेदार विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैगनस कार्लसन और डी विश्व चैम्पियन डी गुकेश को हार का सामना करना पड़ा और ऐसे में कार्लसन विजेता बनने में कामयाब रहे ।
अर्जुन नें रोका कार्लसन का रथ - भारत के नंबर एक और दुनिया के नंबर 3 खिलाड़ी अर्जुन एरीगैसी सफ़ेद मोहरो से मैगनस का सामना कर रहे थे , पिछली बार वह कार्लसन से पांचवें राउंड में पराजित हो गए थे इस बार सफ़ेद मोहरो से खेलते हुए पहले तो उन्होने कार्लसन से क्लासिकल में ड्रॉ पर रोका और फिर उन्हे टाईब्रेक आर्मगोडेन में मात देते हुए जीत के साथ अपना अभियान समाप्त किया ।
इस हार के बाद भी कार्लसन को क्लासिकल का एक अंक मिला और वह 16 अंको पर पहुँच गए ।
ऐसे में गुकेश के पास मौका था की वह कारुआना को हराए और विजेता बन जाये ।
करूआना के खिलाफ गुकेश नें काले मोहरो से इटेलिअन ओपनिंग में थोड़ा हटकर रास्ता बनाने की कोशिश की और राजा को वजीर के हिस्से में किलेबंदी करके ले गए जबकि करूआना नें राजा के हिस्से में किलेबंदी करते हुए अपने राजा को रखा और गुकेश पर हमला करना शुरू कर दिया । उन्होने अपना हाथी देकर गुकेश का एक ऊंट और घोडा ले लिया , इन सबके बावजूद गुकेश नें अपना एक प्यादा तेजी से वजीर बनाने के लिए आगे बढ़ा दिया और खेल की 48वीं चाल में जब गुकेश के पास सिर्फ 7 सेकंड बाकी थे वह बड़ी गलती कर बैठे अपना हाथी मुफ्त में दे बैठे और इस तरह वह ख़िताबी दौड़ से बाहर होकर 14.5 अंको के साथ तीसरे स्थान पर रहे
कार्लसन 16 अंको के साथ विजेता जबकि करूआना 15.5 अंको के साथ दूसरे स्थान पर रहे । यूएसए के हिकारु नाकामुरा 14 अंक बनाकर चौंथे,अर्जुन 13 अंक बनाकर पांचवें और चीन के वे यी 9.5 अंक बनाकर आखिरी छठे स्थान पर रहे ।
महिला वर्ग - उक्रेन की एना मुज़्युचुक नें जीता खिताब , भारत को हम्पी तीसरे स्थान पर रही
महिला वर्ग में उक्रेन की एना 16.5 अंक बनाकर खिताब जीतने में सफल रही भारत की आर वैशाली नें उन्हे अंतिम दिन क्लासिकल में ड्रॉ खेलने के बाद टाईब्रेक में ( ड्रॉ खेलते हुए )पराजित किया पर एना सर्वाधिक अंको के साथ पहला स्थान हासिल करने में सफल रही । * अरमागोडेन में काले को ड्रॉ करने पर विजेता माना जाता है !
हालांकि की भारत की कोनेरु हम्पी नें शानदार खेल दिखाया और विश्व चैम्पियन चीन की जु वेंजून को टाईब्रेक में हराकर 1.5 और जोड़े पर वह 15 अंको के साथ तीसरे स्थान पर रही जबकि चीन की लेई टिंगजे 16 अंक बनाकर दूसरे स्थान पर रही । विश्व चैम्पियन जु वेंजून 13.5 अंको के साथ चौंथे , वैशाली 11 अंको के साथ पांचवें और स्पेन की सरासदात 9 अंक बनाकर आखिरी स्थान पर रही ।
अब आगे क्या ?
जब से गुकेश विश्व शतरंज चैम्पियन बने थे दुनिया भर के शतरंज प्रेमी गुकेश और कार्लसन के बीच क्लासिकल शतरंज मुक़ाबले का इंतजार कर रहे थे और कार्लसन की गुकेश के बारे में यह कही गई बाते और गुकेश का यह मानना की कार्लसन उनसे आगे जरूर है पर वह उनसे आगे निकलने के लिए प्रयासरत है , जैसी सार्वजनिक बातों नें हर किसी के मन में यह उत्सुकता जगाई थी की क्या होगा जब दोनों टकराएँगे । वैसे हम देखे तो जितना यह टूर्नामेंट गुकेश की कार्लसन से पहले मुक़ाबले में लगभग बिलकुल ड्रॉ होते एंडगेम में हार के लिए याद किया जाएगा उससे ज्यादा यह कार्लसन की गुकेश से हार के लिए याद किया जाएगा और हार के बाद कार्लसन की प्रतिक्रिया नें इसे हर दर्शक के मन में हमेशा के लिए अंकित कर दिया है ।
कार्लसन : के लिए नॉर्वे शतरंज की यह जीत एक बड़ी राहत के तौर पर आई , इसमें कोई दो राय नहीं है की कार्लसन अभी भी क्लासिकल शतरंज के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है और फिलहाल वह गुकेश से बेहतर भी है और बेहतर होना हमेशा से ख़िताबी जीत का पैमाना नहीं रहा , इसमें आपकी खेलते वक्त मनोस्थिति , आपकी इच्छाशक्ति , प्रेरणा और दबाव झेलने की क्षमता का बड़ी जीत में खास योगदान रहता है और नंबर एक होने के बाद भी पिछले समय में कई बार कार्लसन महत्वपूर्ण बाज़ियाँ हारे है और सबसे बेहतर होने के बाद भी उनके प्रदर्शन में हल्की गिरावट जरूर आई है , बाकी खिलाड़ियों से वह इन परिणामों के बाद भी आगे रहे पर यह बता भी उतनी ही सच है की आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ी उन्हे चुनौती देने लगे है और गुकेश की जीत को ही देखे वह कुछ यूं आई जैसे कार्लसन नें ना जाने कितनी बाज़ियाँ पलटी है और अब गुकेश , अर्जुन उनसे ही सीखकर इस काला में दक्षता हासिल कर रहे है ,
क्या क्लासिकल शतरंज छोड़ देंगे कार्लसन और नाकामुरा तब क्या होगा ? यह सवाल जब पाँच बार के विश्व शतरंज चैम्पियन विश्वनाथन आनंद से पूछा गया तो उन्होने कहा की नई प्रतिभाएं आएंगी और खेल चलता रहेगा , सच तो यही है साफ तौर पर नाकामुरा और कार्लसन जैसे खिलाड़ियों के खेल से जाने से एक सूनापन तो आएगा पर खेल हमेशा अपने नए विजेता खोज ही लेते है और नायक भी तो खेल तो चलता रहेगा । गुकेश, अर्जुन, प्रज्ञानन्दा, विंसेट केमर , अब्दुसत्तारोव ,अरविंद चितांबरम औरकई ऐसे नाम है जो खेल को आगे ले जाएँगे और जहां तक बात गुकेश की है उन्होने इस टूर्नामेंट में कई ऐसी जीत दर्ज की है जो उन्हे एक बार फिर क्लासिकल शतरंज में लय में वापस ले आई है ।